संतुष्टी
संतुष्टी
मनचाहा मुकाम तुझे हासिल होगा,
अगर तेरा करम उस काबील होगा
महलों के सपने देखने मे कोई बुराई तो नहीं
कितने जख्म सहने पड़े होंगे इसे कमाने के लिए
कालकोठरी मे जंजीरो से बंधे कैदी से पुछ, क्या किमत देगा वो,
तेरी मौजुदा जिंदगी की आजादी और उजाले को पाने के लिए।