"संस्कार"
"संस्कार"
दूसरों के संस्कारों पर बोलने से पहले
जरा खुद में झांका कीजिए।
झूठी कसमें ली जा सकती है
लेकिन उस व्यक्ति की कीमत
अपने अंतःकरण से पूछ लीजिए।
अच्छाई का दिखावा
दुनिया के सामने हो सकता है साहब,
"खुद कैसे हो" दिल के आईने से देख लीजिए।
कुछ सबूत भगवान भी रखा करता है,
जरा भगवान से भी डरा कीजिए।
भगवान के लाठी में आवाज नहीं होती।
कछुए की चाल से ही सही, पर जीत
हमेशा सच की ही होती है साहब!
अब तो यह मान लीजिए।