सनक क्या होती है ?
सनक क्या होती है ?
जी तोड़ मेहनत सनक नहीं होती
अपनी बातों में उलझा देना सनक नहीं होती
अपने फ़ायदे के लिए सोचना सनक नहीं होती
परेशान कर देना किसी को, बुरा तो है
बातों में ऊबा देना किसी को, बुरा तो है
पर ये सनक नहीं होती।
ज़िंदगी के कश्मकश में
ग़लत होते हुए भी न समझ पाना, बुरा तो है
6 को वक़त 6 ही मान जाना, बुरा तो है
9 को 6 न मानना, बुरा तो है
पर ये सनक नहीं होती।
सनक होती है
किसी भी चीज़ को करने की ठान लेना
हार भी न मानना सब सीखते चले जाना
हर दिन को नया दिन समझकर
और फिर से उसी उत्साह के साथ जीना
सनक होती है
हमारे अंदर के बच्चे को ज़िंदा रखना
सनक वो ज़ेहन होता है
जो हर पल, हर वक़्त के बाद
वीरान हुए वातावरण में जन्मता है
लेकिन आपको कभी हार मानने नहीं देता है
सनक वो बुढ़ापा होता है
आपको अनुभवों से जोड़ने के लिए
जो मार्ग प्रशस्त करता है
ज़िंदगी के हर मोड़ पर
जो शव की तरह अकड़ता है।