संबल
संबल
इंसान कहाँ जीता है इंसान में इरादे जिया करते हैं
जोखिम वही उठाते हैं जो इतिहास रचा करते हैं
गिरता है कोई शख्स तो गिरा हरगिज ना समझना
गिरते हैं वही लोग जो उड़ान अर्श की भरा करते हैं
जिंदगी की जद्दोजहद में होता है ये अक्सर,
मात खाते हैं वही लोग जो पैनी नजर रखते हैं ।
है अक्ल वालों की ये दुनिया दिल से ना काम लेना
दिल की लगी मैं अक्सर लोग हर पल मरा करते हैं
है मुस्कान का दावा हो कैसी भी अड़चन ,,,
पार लगते हैं वही लोग जो ग़लत काम नहीं करते हैं
हो ऊपरवाले पे भरोसा और आत्मा का बल भी,
यकीनन चमकती है शख्सियत गर थोड़ा भी हुनर रखते हैं ।