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Seema Pandey

Inspirational

5.0  

Seema Pandey

Inspirational

बिटिया रानी

बिटिया रानी

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बेटी का जन्म लेकर, आयी हूँ मैं दुनिया में ।

कैसे कहूँ कहानी अपनी, शर्मिंदा हूँ अपनों में ।।


जन्म हुआ तो मातम छाया, बड़ी हुई तो बोझ बताया।

भाई और पिता ने भी, हमेशा ही एहसान जताया।।


‘लड़की पराया धन होती है’, माँ ने भी यही समझाया ।

इसी राह पर चलकर मैंने, अपना सारा जीवन बिताया ।।


शादी करके चली जब, पत्नी और बहू बतलाया ।

सास, ननद है मेरे जैसे, फिर भी क्यों न मुझे अपनाया ।।


दिया जन्म बेटी को मैंने, फिर से इतिहास दोहराया ।

बेटे के आते ही देखो, पासा कैसे पलटाया ।।


मैं जननी, मैं बेटी, बहू और देवी का रूप भी अपनाया ।

उनकी पूजा सबने की पर, मुझको किसी ने ना अपनाया ।।


सीता, द्रोपती जैसी महान नारी, का मान जब ना रह पाया।

मैं तो हूँ एक साधारण नारी, कैसे बदल पाऊँगी काया ।।


इसी तरह है मेरी कहानी, सारे जग को समझाया ।

नारी ने ही नारी को, कैसे-कैसे तड़पाया ।।


कहते है दुनिया के लोग, कि नारी शब्द में ही है कोई दोष ।

नारी शब्द में ही है कोई दोष, नारी शब्द में ही है कोई दोष।।



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