स्कूल के दिन
स्कूल के दिन
वो मैथ्स वो साइंस वो हिंदी
वो इंग्लिश मैडम की बड़ी सी बिंदी
कभी उस पेपर बॉल्स का निशाना मिस हो जाता था
तो कभी निशांत के जगह निशा को लग जाता था
फ़र वो लड़ना झगड़ना रूठना मनाना
और उस रेसस्स में डब्बे का सूखा खाना
अजी भी सोचूं तो आखे भर जाती है
हाय ! मेरी स्कूल तेरी बड़ी याद है
वो लम्बी असेंबली की धुप
और वो रेसस्स की पहली वली भुक
वो इंग्लिश की स्टोरी
फिसिक्स की लाइट
साइंस की थ्योरी
और संस्कृत में पेन फाइट
कॉलेज मे सब कहते थे
यार तेरे अंदाज़ अलग है
तुम क्या जानो मुझमे तो मेरा
स्कूल झलक था है
अजी भी सोचूं तो आखे भर जाती है
हाय ! मेरी स्कूल तेरी बड़ी याद है।
