स्कन्द माता पांचवाँ रूप
स्कन्द माता पांचवाँ रूप
आज हम स्कन्दमात की वन्दना गाएं ,
चलो, माता रानी का दर्शन कर हर्षाए !
समस्त वसुधा में ममता का प्रतिरूप ,
स्कंदमात की महिमा ये जननी का स्वरूप !
उनके आगमन से छाया पुलक और उमंग ,
माता का हल्दी और कनक के समान रंग !
केले का भोग भाए और माँ को भाए खीर,
सकन्द माता हैं विलक्षण अति धीर गंभीर !
माँ का यह बेहद सुन्दर पावन पाँचवां है रूप ,
कार्तिकेय गोद में लिए माता लगती हैं अनूप!