श्रीमंत श्रीजगन्नाथ
श्रीमंत श्रीजगन्नाथ
हे नाथ !
हे श्रीजगन्नाथ !!
हे श्रीकांत श्रीमंत श्रीजगन्नाथ !
हे निरुपम निर्माल्य नाथ श्रीनाथ !
आप हैं हमारे शोभनीय श्रीलोकनाथ !!
आप हैं हमारे दयासिन्धु दीनबंधु दीनानाथ !!
आपके रहते हम नहीं हैं अनाथ,
आप हैं भक्तों के लिए नीतिग्रंथ,
आपने ही दिखाएँ हैं प्रेम का पथ,
आप हैं हमारे प्रियकांक्षी श्रीनाथ |१|
हम पर अपना कृपादृष्टि सदा रखिए,
अपने सकल वेशों में संदर्शन दीजिए,
रथयात्रा जात्रा का दिव्यदर्शन दीजिए,
प्राकृतिक आपदाओं से सुरक्षा दीजिए |२|
सुनते है जब श्रीक्षेत्र श्रीमंदिर में मांगलिक निनाद,
सुनते हैं जब देवालय घंटियों का अलौकिक नाद,
सुनते हैं जब भावपूर्ण भावभंगी संगीत का निनाद,
तब इस आनंदित मनःस्थिति का नहीं है अनुवाद |३|
आप हैं चन्दन यात्रा के मदनमोहन,
आप हैं हमारे जगद्गुरु जगन्मोहन,
आप हैं इस जगज्जनों के जगजीवन,
आप ही हैं श्रीमहालक्ष्मी के मनमोहन |४|
हे नाथ !
हे श्रीजगन्नाथ !!
हे श्रीकांत श्रीमंत श्रीजगन्नाथ !
हे निरुपम निर्माल्य नाथ श्रीनाथ !
आप हैं हमारे शोभनीय श्रीलोकनाथ !!
आप हैं हमारे दयासिन्धु दीनबंधु दीनानाथ !!
