"श्राद्ध पक्ष"
"श्राद्ध पक्ष"
आया रे आया पूर्वजों का पक्ष
आया रे आया हमारा श्राद्ध पक्ष
पूर्वजों को हम भोग लगाते है
बहुत अमूल्य होता है, यह पक्ष
खीर से खुश होते, हमारे पूर्वज
जीवन भर करते है, हमारी रक्षा
आया रे आया पूर्वजों का पक्ष
आया रे आया हमारा श्राद्ध पक्ष
खुशियां आती है, सदा उस घर
जहां होता है, बड़ों का आदर
श्राद्ध का भी यही है, मकसद
हिंद संस्कृति का सुंदर है, नक्ष
जीते जी क्या, मरने के बाद भी,
जो रखता अपनों से स्नेह-वक्ष
उसे पूर्वज देते है, आशीष लक्ष
आया रे आया पूर्वजों का पक्ष
आया रे आया हमारा श्राद्ध पक्ष
पर जो आधुनिकता के नाम पर,
रीति-रिवाजों पर उंगली उठाता,
ज़रा वो देखे, कितने सत्य-समक्ष
जो जीते जी सेवा नहीं करते है,
वो क्या खाक मनाएंगे श्राद्ध पक्ष
वही मनाता है, यहां श्राद्ध पक्ष
जो पूर्वजों को मानता है, समक्ष
वही है, इस जग में सच्चा शख्स
जो यहां अपने माता-पिता को,
जीते जी खुशियां देता है, लक्ष
पूर्वज कृपा पाता है, वो सहर्ष
उस मनुष्य का जीवन है, व्यर्थ
जो नहीं मनाता है, श्राद्ध पक्ष
आया रे आया पूर्वजों का पक्ष
आया रे आया हमारा श्राद्ध पक्ष