" सहज कविता "
" सहज कविता "
कविता जन मानस तक पहुँचने का एक सफल माध्यम होता है !
लोग पढ़ते हैं बड़ी उत्सुकताओं से प्रतिकात्मक असर पड़ता है !!
श्रिंगार रस हो या व्यंग का प्रहार हो हास्य से कविता निखरती है !
सत्यम शिवम सुंदरम की छवि से ही एक दिव्य रूप उभरती है !!
अलंकारों और शब्दों प्रयोगों से हम अपनी कविता सजा सकते हैं !
पर साधारण सौम्यता के शृंगारों से हम जन मनस तक पहुँच सकते हैं !!
"रामचरितमानस रामायण" लिखकर तुलसी घर- घर में अमर हुए !
उसकी भाषा ,उसकी रचना लोगों के रोम -रोम में सफल हुए !!
"विनय पत्रिका" लिखकर लोगों को अपनी प्रतिभा दिखा दिया !
संस्कृत साहित्य का रूप सजाकर लोगों को फिर बता दिया !!
सहज सुंदर कविता की आकृति ही आकर्षक बन पाती है !
जनमानस से दूर रहे तो अलंकृत छवि भी उदास जाती है !!