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PRAMOD KUMAR CHAUHAN

Inspirational

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PRAMOD KUMAR CHAUHAN

Inspirational

|| शिक्षक ||

|| शिक्षक ||

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शिक्षक सच में बड़ा अनमोल होता है


शिक्षक के बिना तो, शिक्षा अधूरी है

शिक्षक से ही ज्ञान की, ब्रह्म धुरी है

जब तक शिक्षक की, ना पड़े डांट,

तब तक शिक्षा सच में, नहीं पूरी है  


शिक्षक सच में बड़ा अनमोल होता है


शिक्षक ही कच्चे लोहे को, तपाता है

तब बच्चों को खरा सोना, बनाता है  

अनुभव से ये जीवन का, पाठ पढाये,

संघर्षों से लड़ना ये भी, सिखलाता है  


शिक्षक सच में बड़ा अनमोल होता है


शिक्षक सड़क की तरह,खड़ा रहता है

हर बच्चे को मंजिल तक, पहुंचाता है

सर्दी बरसात या हो,गरमी का मौसम, 

हर स्थिति में अपना,कर्तव्य निभाता है  


शिक्षक सच में बड़ा अनमोल होता है

 

वर्फ की तरह पिघलता, ह्रदय होता है

बच्चों पर ममता की, छाया रखता है    

जब बच्चे न पढते व असफल होते तो, 

दिल में तीखे दर्द भाव से,ये तो रोता है   


शिक्षक सच में बड़ा अनमोल होता है


मोम की तरह शिक्षक,पिघलता रहता है

दीपक जैसा हरदम शिक्षक तो,जलता है   

खुद धूप मे खड़ा रह,तपन को सहन कर, 

हर छात्र के जीवन में,ये छाँव पहुंचाता है  


शिक्षक का कोई मोल नहींं होता है

शिक्षक सच में बड़ा अनमोल होता है।


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