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Mani Loke

Abstract

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Mani Loke

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शिकार

शिकार

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चलो मैं भी इसके खेल का शिकार हो गई,

सुनती थी सबकी दास्तान, अब मैं भी पिटारा दास्तानों की हो गई।

चलो मैं भी इस खेल का शिकार हो गई।

समझाया सबको हिदायतों से, व्हाट्सएप में भी कमाल कर गई।

पर फिर भी देखो ,आज मैं इस खेल का शिकार बन गई।

थक गई घर पर रह कर, ऑनलाइन शॉपिंग बोरियत बन गई,

सैनिटाइजर से ,हाथों को भी खुश्क कर गई।

मास्क पहनकर दो साल, फिर भी अपने होंठों की लाली ,

को छुपा कर चली।

देखो जैसे ही थक कर, थोड़ी जो हुई लापरवाह,

मैं भी इस वायरस का शिकार हो गई.। 

घर में घुटन हुई तो, जो मैं निकली टहलने 

फिर देखो मैं भी ओमिक्रोन का शिकार हो गई।

महफिलों में जा कर देखो ,तबीयत नासाज़ कर गई।

कोई नहीं, मैं भी इस खेल का शिकार बन गई।

एक नए तजर्बे का देखो हालें बयां कर गई।

चलो मैं भी इस खेल का शिकार हो गईं।

अब देखो तारीख़ के पन्नों में लिखी, उन गिनतियों की ,इक जोड़ हो गई । 

लापरवाही की सज़ा देखो ,तबीयत नासाज़ हो गयी ।

चलो मैं भी अब इस खेल का शिकार हो गयी ।



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