शीर्षक:मेरी खामोशियाँ
शीर्षक:मेरी खामोशियाँ
🕊️ मेरी खामोशियाँ 🕊️
मेरी खामोशियाँ…
देखो अंतर्मन की ये खामोशियाँ
कितना कचोटती हैं मेरे अंतर्मन को ये
मेरी खामोशियाँ...
मेरी खामोशियाँ…
देखो कितनी गहरी टीस देती हैं खामोशियाँ
कितना दर्द दे जाती हैं है मेरे मन को ये
मेरी खामोशियाँ…
मेरी खामोशियाँ...
देखो कितने सपने तोड़ देती हैं खामोशियाँ
पनपने भी नही देती हैं जीवन मे ये फिर से
मेरी खामोशियाँ…
मेरी खामोशियाँ….
कितने टूटे सपने को उजागर करती हैं ये खामोशियाँ
बिखरे से ख्वाबो को समेटने भी नही देती अब ये
मेरी खामोशियाँ…
मेरी खामोशियाँ….
चीर जाती हैं चीखते सन्नाटे से रूह को ये खामोशियाँ
कितनी भावनाएं कितने विचार खो जाते है दब इनमे
मेरी खामोशियाँ…
मेरी खामोशियाँ...
रोज़ दम तोड़ देती हैं एहसासों, की कमबख्त खामोशियाँ
हाँ, आंखों से भी बहती रहती हैं शब्दो की कहानी सी ये
मेरी खामोशियाँ…
मेरी खामोशियाँ...
अपनी जुबानी सुनाने को दिन रात तड़पती ये खामोशियाँ
कभी मौत के साथ रूह का हाथ पकड़ चुपचाप चल देती
मेरी खामोशियाँ...