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Ajay Goyal

Tragedy

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Ajay Goyal

Tragedy

शहर से गुजरते हुए

शहर से गुजरते हुए

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कौवों की काँव-काँव, चिड़ियों की चहचहाट

गायों का रंभाना, पत्तियों की सरसराहट

नहीं सुनाई दी मुझे

शहर से गुजरते हुए।


तालाब में नहाती भैंसे, पंछियों का नीड़

खेतों में लहलहाती फसलें, पनघट पर भीड़

नहीं दिखाई दी मुझे

शहर से गुजरते हुए।


हाँ, पर सुना मैंने

एक और सवारी ठूँस लेने के लिए

चिल्लाते वाहन मालिकों की चिल्लपों

कचरे में पड़ी झू्‍ठन पाने के लिए

आपस में झगड़ते कुत्तों की भौं-भौं।


हाँ, पर देखा मैंने

पेट की आग बुझाने के लिए

चिमनी से निकला धुआँ पीते हुए लोग।


डिग्रियों की लाज़ बचाने के लिए

सूली पर टांगकर उसूल सारे

गले लगाते हुए भ्रष्टाचारी का रोग

शहर से गुजरते हुए।


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