शहीदों के नाम.....
शहीदों के नाम.....
ऐ मेरे देश के लोगो
जरा सोचो ओर देखो,
सरहद पे अपने वीरों को.
जगह खड़े वतन को रखे,
दुश्मन की हर चाल परखे.
मुंह तोड हमला करें कभी ना थके,
ये वतन की इज्जत रखे.
देश के है प्यारे,वो हम सबके,
हमारे खातिर लड़े सर उठा के.
उसे अपने घर संसार ना रोके,
देशप्रेम मे वो पागल हो चुके .
बिजयी बने दुश्मन केसीना फाड़के,
तिरंगा के सिवा किसके आगे सर ना झुके.
ये वतन के खातिर अपनी खून बहा के,
देश की मान रखे कभी सशहीद होके.
ऐसे सपूतों को चलो सलाम ठोके,
इनकी गाथा लिखें उन्हें अमर बनाके.
ये है अमर शहीद अपनी हिंदुस्तान के,
कभी ना लड़े ये डर डर के.
हंस हंस के शहीद हुए लड़ के,
मन मे जोश दिल मे देशप्रेम लेके.
सच्चे सपूत हैं ये हिंदुस्तान के,
देश की रक्षा करें सदा मर मिट के.
ये गर्मी मे सूरज की ताप को देखे,
बारिश मे उसकी पनी मे भी भीगे,
ठण्ड मे भी कभी चुपके बैठे,
आंधी तूफ़ान कभी इनकी हौसला रोके,
दिन हो या रात ये कभी ना थके,
मन मे देशप्रेम और लड़ने की जज़्बा लेके,
दुश्मनों को देते जवाब अपना सीना ठोक के,
मर जाते, मिट जाते पर अपना वतन ना भूलते,
पर कुछ दिन बात हम उन्हें भूल जाते,
सिर्फ कुछ फूल और कुछ पल की आंसू बहाते,
अब चले उनको हम सदा के लिए अमर रखते,
उनकी कहानी सबको सुनाते,
उनकी जैसी औरों को भी हौसला देते,
और ये सदा हम सब मिलके कहते,
ये मेरा देश की बीर जवान हम बार बार नमन करते,
प्यारे अपनी बीर शहीदों की सदा गाथा सुनाते,
उनको अपनी दिल मे बिठाके पूजा करते,
अपनी शहीदों के नाम अमर कहानी लिखते......