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Writer Rajni Sharma

Abstract

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Writer Rajni Sharma

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शगुन

शगुन

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हमारे रीति-रिवाज जिनमें शगुन देना बहुत ही शुभ माना जाता है 

हमारी परम्पराओं से जोड़े रखते हमें ये खूब माना जाता है 

भले बात कर लीजिये शादी की 

बहुत सारे अवसर होते हैं जिनमें नेग देने की प्रथा निभाई जाती है।

हम इन सब रस्मों को दिल से निभाते हैं 

क्योंकि हमें ये बातें हमारे बड़ों द्वारा सिखाई जाती हैं  

जैसे की रिबन कटाई, जूता छुपाई और भी कितनी ही रस्में होती हैं 


जिनमें छोटी-मोटी, नोंक-झोंक मजाक मस्ती भी होती है 

 इन छोटे-छोटे शगुन का भी बड़ा सा महत्व होता है 

थोड़ा प्यारा सा तकरार भरा सुन्दर नजारा होता है 

बिन नेग के जैसे सब रस्में अधूरी हों

जिनके होने से ही हमारे रिश्तों की कमी पूरी हो

विविधताओं से भरे इस देश में अलग-अलग क्षेत्र में

इन सब रीति-रिवाजों में भी विविधताएं देखने को मिलती हैं 

लेकिन इन भिन्नताओं में भी भावना एक-सी मिलती है


इन छोटी-छोटी रस्मों की भी हमारी खुशियों में बड़ी सी एहमियत होती है 

हर त्यौहार, रीति-रिवाज में शगुन की एक अलग ही अहमियत होती है 

 यही सब तो हमारी रस्मों को यादगार बना देते हैं 

हमारे खुशी के लम्हों को और भी हसीन बना देते हैं


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