शायर प्रणीत के सवाल
शायर प्रणीत के सवाल
क्यों ये आँखें तेरे लिए नम हैं जबकि मोहब्बत दिल में तेरे ज़रा सी भी कम है,
कुछ तो बात होगी वरना ऐसा नहीं होता तेरे साथ न होने पर भी तेरे दर्द का गम है ,
वो ज़ुल्फों का इश्क़ कम नहीं हुआ जो हमने ना चाहा क्यों गम वही हुआ,
तेरे याद को यूं हम संभाले हुए हैं क्यों इस दिल में इश्क के छाले हुए हैं
वो हंसी अब जो है उसकी झूटी है क्या,
के मुझसे यू बेवजह रूठी है क्या ,
वो दिखती तो मज़बूत पर अंदर से वो भी टूटी है क्या?
मैं उसे याद करके वक़्त जाया तो नहीं करता,
वो खुलके जीती मैं तड़प के क्यों मरता,
वो गयी बदल एक बहाना करके वो गयी मेरे दिल में अफसाना करके
बहुत वक्त बीत गया क्यों मैं वही हूं क्या वो थी गलत या मै सही हूँ।