शांत सुरीली लताजी
शांत सुरीली लताजी
ल = लता दिदी दुनियामा
ता = ताल सुर सजावसे ।
जी = जीवनमा संगीतला
को = कोसो दूर बिखारसे ।।१।।
बि = बिखरसे सप्तसूर
ना = नामवंत गायिकीको ।
आ = आज ओको सिरपर
ता = ताज सूर सम्राज्ञीको ।।२।।
शां = शांत सुरीली लताजी
त = तक्दिरकी ओजवती ।
भ = भगवान की सुपुत्री
या = याहा बनी सरस्वती ।।३।।
सा = सात स्वरकी सम्राज्ञी,
रे = रेश्मी गानाकी कोयार ।
ग = गरो सूर आयकके,
म = मन होसे तृप्ताहार ।।४।।
प = परमानंदको भाव,
ध = धरापर बिखरती ।
नि = निरंतर जीभ तोरी,
सा = साक्षातच सरस्वती ।।५।।