सड़क
सड़क
मैं एक सड़क
दूर तक जाती हुई
ना कहीं ओर दिखे ना छोर
बस चलती ही जाती हूँ।
मकसद केवल एक ही
सबको एक दूजे से मिलाना
गर्मी ,सर्दी ,बरसात
किसी का मुझ पर कोई प्रभाव नहीं
जीवन में एक ही जगह
खड़े रहना मेरी जिंदगी है
मैं नहीं चलती हूंँ
दुनिया को चलाती हूँ
और...................
अगर मेरे इस खड़े रहने में
कहीं भी कुछ टूट-फूट हो जाए
कुछ गड़बड़ हो जाए
सब लोगों के जिंदगी रुक जाती है
फिर सबको याद आती है मेरी
और शुरू होती है मेरी रिपेयर
और जब तक रिपेयर ना हो जाए
सबकी जिंदगी एक ठहराव बन जाती है
और तो और लोग भूल जाते हैं
उस वक्त को जब फर्राटे से मेरे ऊपर
दौड़ते चले जाते थे
तब यह नहीं याद आता था
कि मेरे और मेरे अंदर भी एक दिल है
जो धड़कता है
मुझे भी कुछ दर्द होता है
पर नहीं.....
तब तो सबको तेज जाने की जल्दी रहती है
और जब कहीं कुदरत ने अपना रूप दिखाया
वर्षा बहुत तेज हुई
तो फिर मत पूछिए
फिर तो मैं भी कुछ नहीं कर सकती हूँ
फिर उसी में ही जब दौड़ती है गाड़ियाँ
जब जाती हूँ मैं टूट-फूट
तब इंसान फिर से मुझे ही कहना शुरू होते हैं
देखो उधर मत जाना ...
बाद में ताना दिया जाता है
तब दिल रोता है
कितना स्वार्थी है मानव
मेरे घावों को भरे बिना
चलाता रहता मुझ पर गाड़ियाँ
समय नहीं है उसके पास मेरे लिए ...
हद तो तब हो जाती है
जब म्युनिसिपल वाले
मेरी मरहम्म पट्टी करते हैं
रास्ता कुछ समय के लिए बंद करते हैं
तब भी कई ढीठ लोग
मेरे अध भरे घाँवों पर से गुजर जाते हैं
नहीं समझते मेरी पीड़ा ...
मेरी चुप्पी व सहयोग का
मुझे सिला मिलता है....
एक पल के लिए भी
मुझे कभी शांति नसीब नहीं होती
दिन -रात , सुबह -शाम ...
बस गाड़ियाँ चलती मुझ पर ।
वाह!!रे प्रभु क्या जीवन दिया मुझे
मैं फिर भी खुश हूँ
हर किसी को उसकी मंजिल पर पहुँचा कर।
