सच्चा दोस्त
सच्चा दोस्त
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तुमको ही सच्चा दोस्त माना ,
तुम ही हो जिसे अपना जाना ,
फिर सोचा कि ऐसा क्या है तुममे ?
आँखों के आगे तुम्हारा चेहरा आना |
कभी लगता है कि ये एक प्यार है ,
मीठी - मीठी सी कोई तकरार है ,
नई - नई तुम्हारी दोस्ती का ....
ये एक खूबसूरत आभार है |
हजारों शब्द अब देने लगे गवाही ,
है कोई दोस्त जिसने दोस्ती निभाई ,
मालूम नहीं उसे शब्दजाल में ,
फँसा लेगी कोई दीवानी परछाई |
कभी - कभी अब डर लगता है ,
जब कोई इन पन्नों को पलटेगा ,
हम दोस्त बनके कब मिले ?
शायद ही उसे यकीन होगा |
हमारी दोस्ती का अर्थ गहरा ,
ये एक ऐसी बेमिसाल बात है ,
जहाँ दो आत्मायें भटकती रहीं ,
फिर भी पूरा संवाद है ||