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Tragedy

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सब्र तहजीब है इश्क़ की

सब्र तहजीब है इश्क़ की

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सब्र तहजीब है इश्क़ की,

खामोश है दिल मेरा,


इश्क़ की उलफत-ए-ज़हन मे

डूबा रेहता है दिन मेरा,


उलफत-ए-रवानगी मे,

जुलसा हुआ है ज़हन मेरा


रूह की चिंगारी है दबी हुई,

लगता है दिल खामोश मेरा,


आप समझते हो ख़ामोश हूँ मैं,

दर्द-ए-जख्म मे तड़प रहा है दिल मेरा।


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