Pratibha Mahi
Drama
मनसा वाचा कर्मणा,
तीनों की सरताज़।
बाबा तेरी शिवपिया,
करती सब पर राज।
तुमको बुला रह...
तू अपना सा लग...
कलाएँ संस्कार...
देखो माटी का ...
सुर-ताल सी मै...
दिवाली हम मना...
माँ बेटे का प...
बहती है गंगा ...
मैं शमा यूँही...
आओ संकल्प करें, खुलकर हंसे हम हंसी न हो हमारी, झूठ, अधर्म, पाप की आओ संकल्प करें, खुलकर हंसे हम हंसी न हो हमारी, झूठ, अधर्म, पाप की
शायद मैं उसके योग्य नहीं उसे यह दीपक नहीं, दूसरा सूर्य मिले ! शायद मैं उसके योग्य नहीं उसे यह दीपक नहीं, दूसरा सूर्य मिले !
जब राम थे तब भी ऊंगली उठाई गई जनक दुलारी पर.. और अब जबकि....! जब राम थे तब भी ऊंगली उठाई गई जनक दुलारी पर.. और अब जबकि....!
दे दे इतनी - सी रोशनी कि दिल का अंधेरा दूर कर सकूं मैं कोई टूटी हुई उम्मीद अभी भी जैसे कायम है दे दे इतनी - सी रोशनी कि दिल का अंधेरा दूर कर सकूं मैं कोई टूटी हुई उम्मीद अ...
कठिनाइयों के सामने यूँ मजबूर ना हो तू खुद ही एक कोहीनूर है ! कठिनाइयों के सामने यूँ मजबूर ना हो तू खुद ही एक कोहीनूर है !
तन्हा-तन्हा रातें अपनी मीठी-मीठी बातें उनकी क्या जाने हम सोच के अपनी आँखों में आँसू भर लाए ! तन्हा-तन्हा रातें अपनी मीठी-मीठी बातें उनकी क्या जाने हम सोच के अपनी आँखों मे...
किसी का विश्वास शीशे जैसा घर जो टूट जाये तो फिर न जुड़े नर किसी का विश्वास शीशे जैसा घर जो टूट जाये तो फिर न जुड़े नर
फिर रस्म कन्यादान की निभा मुझे किसी और आंगन का कर दिया, फिर रस्म कन्यादान की निभा मुझे किसी और आंगन का कर दिया,
जो पहने आलस्य नर मुंड वो नहीं पाते, सफलता कुंड जो पहने आलस्य नर मुंड वो नहीं पाते, सफलता कुंड
अरुणाचल में उगते सूर्य का मनमोहक दृश्य है l मेरा भारत सोने की चिड़िया.... अरुणाचल में उगते सूर्य का मनमोहक दृश्य है l मेरा भारत सोने की चिड़िया....
कभी मेरे चरित्र पर तो कभी उनके किरदार पर प्रश्नचिन्ह लगा दिया कभी मेरे चरित्र पर तो कभी उनके किरदार पर प्रश्नचिन्ह लगा दिया
धड़कनें भी जाने कब दग़ा दे जाएँ सांसें भी मेहमान हैं कुछ पल की धड़कनें भी जाने कब दग़ा दे जाएँ सांसें भी मेहमान हैं कुछ पल की
दीपक भी बन गया तम स्तोत्र है हर ओर आज निशाचरों का जोर है दीपक भी बन गया तम स्तोत्र है हर ओर आज निशाचरों का जोर है
शायद मजाक उड़ाते होंगे मेरी न कही बातों का शायद मजाक उड़ाते होंगे मेरी न कही बातों का
बेसबब गुज़रता रहता है शहरों की तंग गलियों से कभी तो कविता और ग़ज़लों की गली से होकर गुज़र बेसबब गुज़रता रहता है शहरों की तंग गलियों से कभी तो कविता और ग़ज़लों की गली से ह...
एक ओर हरा-भरा गाँव बजती हैं जानवरों के गले की घंटियाँ चरवाहों की हँसी के साथ दूसरी ओर रिसता है पीपल ... एक ओर हरा-भरा गाँव बजती हैं जानवरों के गले की घंटियाँ चरवाहों की हँसी के साथ दूस...
मुखौटों में ही हम उलझे रहते, लगाते रहते हैं विविध अनुमान। मुखौटों में ही हम उलझे रहते, लगाते रहते हैं विविध अनुमान।
इल्म हुआ मुझे सबसे खूबसूरत है इश्क का अख़्तर होना इल्म हुआ मुझे सबसे खूबसूरत है इश्क का अख़्तर होना
होंठों की जगह आंखों से निकल, न जाने कहां धुआं-धुआं हो जाती है। होंठों की जगह आंखों से निकल, न जाने कहां धुआं-धुआं हो जाती है।
आती है, मौत यह, क्रोधाग्नि खूं जलाती, जोत क्रोध है, खोट आती है, मौत यह, क्रोधाग्नि खूं जलाती, जोत क्रोध है, खोट