सब का एक समाधान है - प्यार !
सब का एक समाधान है - प्यार !
सब का एक समाधान है - प्यार !
जीने की जितनी भी राहें,
जिस मंजिल तक जाती हैं,
वो प्यार है।
मर कर भी जब मर न पाये,
जीने की बस एक आस सताये,
वो प्यार है।
सूरज की उगती किरणें,
जब धरती को छू जाती है।
अंधेरे की चादर उतार के,
जब मूँदी आँखें खुलती हैं।
वो प्यार है।
पहाड़ों से जब नदियाँ चलती,
चलती-चलती सागर से मिलती,
वो प्यार है।
ईश्वर की जीवन-ज्योति,
जब ब्रह्माण्ड में हैं छातीं,
चँदा की राह निहारतीं,
चाँदनी सारी रात चमकतीं,
वो प्यार है।
आँगन में बच्चों की किलकारी से,
जब फुलवाड़ी है खिलती|
चूड़ी और पायल से ,
जब घर में रौनक है, सजती|
वो प्यार है।
माँ की गोद में, जो संसार है ,
एक पिता का, जो विश्वास है ;
भाई के हाथ
बंधा, राखी - सा,
बहन के रिश्ते का आधार है;
वो प्यार है।
जब कोई अनजाना भी,
अपना हो जाए;
वो प्यार है।
किसी के दर्द पे,
जब अपनी आँख में आँसू आये|
वो प्यार है।
जब कोई अपना कह कर समझाये|
जब कोई चाह कर भी,
कह नहीं पाये,
वो प्यार है।
जब कोई खुद को भूल कर,
सबके लिए समर्पित हो जाये,
वो प्यार है।
जब कोई बिना देखे ही,
दिल के भीतर तक उतर जाए
वो प्यार है।
जब कोई दवा बन के,
हर दर्द की दवा बन जाए ;
वो प्यार है।
बिना कुछ कहे,
जब कोई बहुत कुछ कह जाए|
वो प्यार है।
सुनने वाला भी जब,
बिन बोले सब समझ जाए,
वो प्यार है।
धरती से अंबर तक बस,
प्यार ही प्यार है।