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Rashi Raut

Classics

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Rashi Raut

Classics

सावन

सावन

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तेज हवाओं के बाद 

चले आते हो ऐसे,

मन मेरा मुस्कुराता है 

जब तुम आते हो ऐसे !


हर एक दिशा में 

महक सी फैले

खुशी से मन मेरा 

झुमके यह बोले 


हाय यह सावन आया 

इसे अब हम कैसे झेले !


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