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Krishna Khatri

Romance

3  

Krishna Khatri

Romance

सावन आया !

सावन आया !

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बादलों की गड़गड़ाहट के संग 

सावन आया रिमझिम-रिमझिम


ऐसे में मन मेरा ढूंढ़े तुझको सैंया

हैं कौन दिसा तू मोरे सजन !


खातिर तुझसे मिलने को साजन

मनवा तरसे मेरा वो बाट तके तेरी 


है सब सूना-सूना तुझबिन रे सजन 

दिन रैना ये नैना बरसे रिमझिम !


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