Krishna Khatri
Romance
बादलों की गड़गड़ाहट के संग
सावन आया रिमझिम-रिमझिम
ऐसे में मन मेरा ढूंढ़े तुझको सैंया
हैं कौन दिसा तू मोरे सजन !
खातिर तुझसे मिलने को साजन
मनवा तरसे मेरा वो बाट तके तेरी
है सब सूना-सूना तुझबिन रे सजन
दिन रैना ये नैना बरसे रिमझिम !
यही इल्तिजा ह...
जब तक मीठा न ...
फितरत !
जी भर के जी ल...
जी लेंगे हम द...
आंखों ने देखा...
खलिश !
अश्रु मेरे .....
मां तुम अमृता...
उपवन में दो सुमन खिल गए हृदय इक दूजे संग मिल गए उपवन में दो सुमन खिल गए हृदय इक दूजे संग मिल गए
कर ही नहीं पाये दिल की बात हम। दिल में रह गई बात... कर ही नहीं पाये दिल की बात हम। दिल में रह गई बात...
रात भर जाग कर हम उसको सुनते रहे तय यही था जानम कि सोना नहीं है आज। रात भर जाग कर हम उसको सुनते रहे तय यही था जानम कि सोना नहीं है आज।
मुन्नी देखती राह अपने पिता की, एक घड़ी तो ठहर जाओ रे। मुन्नी देखती राह अपने पिता की, एक घड़ी तो ठहर जाओ रे।
किस्मत से मिले हो तुम, चेहरे पर मत मरना तुम। किस्मत से मिले हो तुम, चेहरे पर मत मरना तुम।
पेड़ छायादार मिलते हैं बहुत पर ठंडी हवा के झौंके कौन दे। पेड़ छायादार मिलते हैं बहुत पर ठंडी हवा के झौंके कौन दे।
ये प्रेम का बंधन,एक दूजे का साथ ही तो ज़िन्दगी है। ये प्रेम का बंधन,एक दूजे का साथ ही तो ज़िन्दगी है।
थोडा सा तो थम ले यार अभी बोहत कुछ करना है ! थोडा सा तो थम ले यार अभी बोहत कुछ करना है !
तुम बिन जो क्षण मेरे बीते मैं इन सपनों में पाऊंगी। तुम बिन जो क्षण मेरे बीते मैं इन सपनों में पाऊंगी।
आपका मुझे "आप" कहना भाता था पहले अब "तुम" कहना मेरा गुदगुदाता है आपको आपका मुझे "आप" कहना भाता था पहले अब "तुम" कहना मेरा गुदगुदाता है आपको
खुमारी का आलम या कहो परफेक्ट मैच लगता है। खुमारी का आलम या कहो परफेक्ट मैच लगता है।
अब तुम हो के नहीं हो, क्या फर्क पड़ रहा है अंजान एक साया मेरे साथ चल रहा है। अब तुम हो के नहीं हो, क्या फर्क पड़ रहा है अंजान एक साया मेरे साथ चल रहा है।
जिन्दगी रास आएगी तुमको भी कभी नदी को देखो मिलकर मिटते हुए। जिन्दगी रास आएगी तुमको भी कभी नदी को देखो मिलकर मिटते हुए।
करते हैं मुझसे प्यार बेशुमार... हर रोज करते हैं मगर तकरार। करते हैं मुझसे प्यार बेशुमार... हर रोज करते हैं मगर तकरार।
ए काश दरमिया अपने कोई ‘अगर’ न होता। ए काश दरमिया अपने कोई ‘अगर’ न होता।
पर वक्त इतना गुज़र चुका है कि चाहते नहीं फिर हो मुलाकात।। पर वक्त इतना गुज़र चुका है कि चाहते नहीं फिर हो मुलाकात।।
ये जीवन जीना है तो खुशहाली से जियो.. अपने और अपनो के साथ.. ये जीवन जीना है तो खुशहाली से जियो.. अपने और अपनो के साथ..
आज में जीते चले जाते हैं ! जियो खुश रहकर जियो ! आज में जीते चले जाते हैं ! जियो खुश रहकर जियो !
बिछुड़ रहे हैं भाई बहन भी अब तो, धन दौलत से रिश्ता निभाना जब से आ गया। बिछुड़ रहे हैं भाई बहन भी अब तो, धन दौलत से रिश्ता निभाना जब से आ गया।
कैसी मोहब्बत की है हमनें अब तक हम बर्बाद नहीं। कैसी मोहब्बत की है हमनें अब तक हम बर्बाद नहीं।