सांवलापन मर जाता है
सांवलापन मर जाता है
एहतियातन गुज़रना उस गली से
काम कर जाता है,
जिस गली का हर मोड़
बस तेरे घर जाता है !
मैं गुज़रा जिस रोज़ और
तेरा दीदार ना हुआ छत पर
ये बात ज़ेहन में आते ही
मेरा दिल डर जाता है !
पागल हूँ थोड़ा
बात करता हूँ शेर - ओ - शायरी में,
तेरे एहसास से मेरी ग़ज़ल का
हर शेर संवर जाता है !
यूँ चेहरा ना बनाया करो
किसी के कहने पर तुम,
बनावटी चेहरे से
तुम्हारा सांवलापन मर जाता है !
आकिल नहीं "कुमार" कि
समझा दे तुझको बस इतना
कि तेरा, तेरे जैसे होने से ही
मेरा नसीब निखर जाता है !