Vinay Govardhan
Romance
तुम्हारी सादगी को क्या सराहा
हमारी नज़र बदनाम हो गई
तुम्हें ख़बर तक भी ना हुई
और ये चर्चा सर-ए-आम हो गई।।
सादगी
हाथ से हाथ मिलाओ तो मजा आता है। हाथ से हाथ मिलाओ तो मजा आता है।
काश कुछ ऐसा हो जाए ये ख्वाब हकीकत हो जाए , काश कुछ ऐसा हो जाए ये ख्वाब हकीकत हो जाए ,
साहिब मेरे मन मे किसी की चाहत बस गई है किसी की मुस्कुराने की आदत अच्छी लगती। साहिब मेरे मन मे किसी की चाहत बस गई है किसी की मुस्कुराने की आदत अच्छी लगती।
सब मौसम में मुझे है प्यारा ठंड गुलाबी ठिठुरता यह जाड़ा। सब मौसम में मुझे है प्यारा ठंड गुलाबी ठिठुरता यह जाड़ा।
सिर्फ सच्ची दोस्ती की हो अगर बात, तो मैं बिता दूँगी तेरे संग सारी रात।। सिर्फ सच्ची दोस्ती की हो अगर बात, तो मैं बिता दूँगी तेरे संग सारी रात।।
तुम प्रेम हो ... तुम प्रीत हो मेरे अंतर्मन के गीत हो। तुम प्रेम हो ... तुम प्रीत हो मेरे अंतर्मन के गीत हो।
चलो आज ये, दुरियां मिटा दे, ओर बंध जाएं, एक बंधन में हम। चलो आज ये, दुरियां मिटा दे, ओर बंध जाएं, एक बंधन में हम।
डूब कर इश्क में जीना सिखा दिया तुमने। मोहब्बतों का सलीका सिखा दिया तुमने। डूब कर इश्क में जीना सिखा दिया तुमने। मोहब्बतों का सलीका सिखा दिया तुमने।
मत कर प्यार की बस - बस, ओ चख मेरे चुम्बन का रस।। मत कर प्यार की बस - बस, ओ चख मेरे चुम्बन का रस।।
तेरा नाम लेकर महक उठते हैं हर जज़्बात मेरे जो तुझी से शुरू तुझी पर खत्म। तेरा नाम लेकर महक उठते हैं हर जज़्बात मेरे जो तुझी से शुरू तुझी पर खत्म।
क्योंकि तुम्हारा आना तय था इस वीरानेपन के बाद उम्मीद बन कर।। क्योंकि तुम्हारा आना तय था इस वीरानेपन के बाद उम्मीद बन कर।।
बस, किसी सुनहरे बुकमार्क की तरह..... बस, किसी सुनहरे बुकमार्क की तरह.....
भुलाकर भी जो न भुलाया गया वो प्यार हो तुम ......!! भुलाकर भी जो न भुलाया गया वो प्यार हो तुम ......!!
धड़कन तो है इस दिल में फिर भी ये कभी कभी धड़कता ही नहीं। धड़कन तो है इस दिल में फिर भी ये कभी कभी धड़कता ही नहीं।
मैं तुम्हें लिखना चाहती हूँ हर रोज़ आहिस्ता आहिस्ता...! मैं तुम्हें लिखना चाहती हूँ हर रोज़ आहिस्ता आहिस्ता...!
वहीं आज मुझे देख कर नज़रें फेर गया। वहीं आज मुझे देख कर नज़रें फेर गया।
बेवफ़ाई की कोई हद तो हो तुम साथ नहीं लेकिन मेरे हमदम तो हो। बेवफ़ाई की कोई हद तो हो तुम साथ नहीं लेकिन मेरे हमदम तो हो।
सिवा तुम्हारे ज़हन मे नाम कोई कोई आता ही नहीं। सिवा तुम्हारे ज़हन मे नाम कोई कोई आता ही नहीं।
एक बार बारिश की बूंदों के पार देखा था तुम्हें। एक बार बारिश की बूंदों के पार देखा था तुम्हें।
एक हसरत थी एक अच्छा हमराह मिल जाए, जिसे देखते ही एक नज़र में प्यार हो जाये। एक हसरत थी एक अच्छा हमराह मिल जाए, जिसे देखते ही एक नज़र में प्यार हो जाये।