रूप बदलकर पूरे होते ख्वाब
रूप बदलकर पूरे होते ख्वाब
अजी ख्वाबों की क्या बात करें,
हमने भी देखे हैं बहुत ख्वाब
जिंदगी है तो ख्वाब तो हर कोई देखता है
वैसे ही हमने भी देखे बहुत से ख्वाब।
बचपन में देखा था किसी अच्छे डांस करने वाले को देखते तो सोचते डांसर बने।
किसी अच्छी टीचर को देखते तो सोचते टीचर बन जाए।
ऐसे करते करते थोड़े से बड़े हर कदम तक ख्वाब बदलते रहते।
मगर जब समझदार हो गई तो एक ख्वाब देखा की डॉक्टरी शिक्षा बहुत अच्छी है ।
डॉक्टर की बहुत इज्जत होती है।
मुझे भी डॉक्टर बनना है।
और उस तरफ मेहनत भी करनी है।
और मेहनत करी भी मगर जब सपना पूरा होने का समय आया तो कुछ घरेलू परेशानियां।
कुछ ऐसा हुआ की मेडिकल प्रवेश पर जाने की परीक्षा भी नहीं दे पाए।
जाते तो जरूर सफल हो जाते ।
और ख्वाब पूरा हो जाता मगर हमने अफसोस नहीं मनाया।
पापा जी से बोल दिया आपने डॉक्टर बनने से मना करा है, मगर आपको मेरी शादी डॉक्टर से करानी पड़ेगी।
उन्होंने भी मंजूरी दे दी और समय के साथ में वह ख्वाब साकार हुआ।
और शादी के बाद मेडिकल फील्ड नहीं तो पैरा मेडिकल फील्ड में ही पैथोलॉजी में डिप्लोमा करके अपना खुद का क्लीनिक चला कर अपने ख्वाब को साकार करा।
इसीलिए ख्वाब अधूरा नहीं रहा बस उसकी दिशा बदल गई
और बाद में मेरे बच्चों ने मेरे ख्वाब को साकार कर दिया मुझे और क्या चाहिए।
ख्वाब तो ख्वाब होते हैं जरूरी नहीं कि हर समय पूरे हों ही ।
मगर अगर उनको सही दिशा दी जाए तो थोड़ा रूप बदलकर के पूरे हो जाते हैं।
मेरे साथ तो ऐसा ही हुआ आप क्या कहते हैं।