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Rita Jha

Abstract Classics

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Rita Jha

Abstract Classics

ऋतुराज बसंत

ऋतुराज बसंत

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ऋतुराज बसंत का हुआ आगमन,

शीत ऋतु अब ले रही है  विदाई,

बागों में भी है फूलों की बहार आई,

नव कपोलों से धरती हरी हो आई!


ऋतुराज बसंत का हुआ आगमन

प्रकृति में चहुंओर सक्रियता है छाई,

ठिठुरते शरीर में नई ऊर्जा है भर आई,

पीले रंग की चहुं दिश मादकता छाई!


ऋतुराज बसंत का हुआ आगमन,

कोयल ने भी अपनी कूक सुनाई!

बागों में है चहुंओर आम मंजराई,

आह! धरती कितनी निखर आई!


ऋतुराज बसंत का हुआ आगमन,

आसमान ने भी नई रंगत है सजाई!

कल कल बहती नदियां खिलखिलाई,

जिसने लोगों के मन में है #उमंग जगाई!


ऋतुराज बसंत का हुआ आगमन,

कलाकारों की कलात्मकता बढ़ आई,

कवियों ने अपनी नई नई कविताएं रचीं,

प्रीत के गीत से चहुं ओर उमंग छाई!


ऋतुराज बसंत का हुआ आगमन,

तितलियों ने भी अपनी कला दिखाई,

भंवरे ने भी शुरू कर दिया है मंडराना,

खुश रहे सदा सभी बना रहे मुस्कुराना !

ऋतुराज बसंत का हुआ आगमन।

ऋतुराज बसंत का हुआ आगमन।


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