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Krishna Khatri

Abstract

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Krishna Khatri

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रश्मिरथी

रश्मिरथी

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गहरी काली रात 

और घना ....

घटाटोप अंधेरा! 

कर रहा है प्रतीक्षा 

प्रात:काल का 

आएगा जब रश्मिरथी 

रश्मियों के ....

रथ पर होकर सवार !

तब खिलखिलाएगी 

उसकी सुनहरी किरणें 

पाकर उनको 

खिल उठेंगे कमल-दल

तब शबनम भी 

मुस्कराने लगेगी 

खिले हुए इन ....

कमल-दलों के आंचल में

फिर बड़ी हसरत से 

चूमेगा रश्मिरथी

हीराकणी - सी शबनम को !

        



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