रश्मिरथी
रश्मिरथी
गहरी काली रात
और घना ....
घटाटोप अंधेरा!
कर रहा है प्रतीक्षा
प्रात:काल का
आएगा जब रश्मिरथी
रश्मियों के ....
रथ पर होकर सवार !
तब खिलखिलाएगी
उसकी सुनहरी किरणें
पाकर उनको
खिल उठेंगे कमल-दल
तब शबनम भी
मुस्कराने लगेगी
खिले हुए इन ....
कमल-दलों के आंचल में
फिर बड़ी हसरत से
चूमेगा रश्मिरथी
हीराकणी - सी शबनम को !
