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Krishna Sinha

Inspirational

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Krishna Sinha

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रिश्तों की डोर

रिश्तों की डोर

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नाजुक डोर हर रिश्तों की, 

कुछ इस कदर थामे रखना,


की उलझे न कोई डोर यूँ, 

की सुलझे ना, 


हाँ गुंथे रखना इस कदर, 

की हो मजबूत, और टूटे ना।


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