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Deepti S

Inspirational

4.0  

Deepti S

Inspirational

रिश्तों का आधार

रिश्तों का आधार

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जब दो प्राणी जग में मिलते हैं,सपने दोनो के संग खिलते हैं

विश्वास की नीव रख ,संग संग पग वो रखते हैं


जब रिश्ते आगे बढ़ते हैं तो,कुछ ऐसे मँझधर में वो फँसते हैं

दुनिया की बातें सच्ची लगती,आपस में हर पल वो उलझते हैं


ये हुआ क्या समझ नहीं आता है,जो अब तक विश्वसनीय था 

टेढ़ी मेढ़ी व उल्टी बातों से ,कैसे अविश्वनीय हो जाता है


यूँ बातों को घूमा फिरा कर करने में कौन सा आनंद आता है

दूसरों को नीचा गिराने को ये चक्रव्यूह रचाया जाता है


चा

हें रिश्ता कैसा भी हो ,आपस में बैठ इनको समझते हैं 

किसी तीसरे को बीच में लाने से ,कभी रिश्ते नहीं पनपते हैं


जब भी कोई संदेह हो तो आपस बैठ निपटा लो,सीधी बात कह के आपस का भेद मिटा लो

आपसी प्रेम काँच सा होता मन में ये बिठा लो ,पारदर्शिता कर रिश्तों को लम्बा निभा लो 


बेईमानी,छल से कौन आज आगे बढ़ पाता है,अगर बढ़ भी गया तो चैन से कहाँ सो पाता है

ये कलियुग है ,वो ईश्वर सबको देख रहा,सबके कर्मों का हिसाब वो इसी जन्म में कराता है।


#सीधीबात



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