जिंदगी का दरवाजा
जिंदगी का दरवाजा
काश कोई जिंदगी का दरवाजा होता
जिसमें जाकर हम टटोल लेते जिंदगी को
कितनी बीत गई कितनी है अभी बाकी
कौन है दुश्मन यहाँ कौन है अपना साथी
अब तक किया है हमने क्या किसके लिए
ओर कितना काम करना है अभी बाकी
सुधार लेते अपनी की हुई गलतियों को
दुखाया है दिल जिनका मांग लेते उनसे माफी
काश कोई जिंदगी का दरवाजा होता
जिसमें जाकर हम टटोली लेते जिंदगी को।