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Seema Sharma

Others

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Seema Sharma

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हाय गरीबी

हाय गरीबी

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टपका घर

रोता हुआ गरीब

सिकुड़ी रात


बिन मौसम

कड़कती बिजली

हो रही वर्षा


कैसी न वर्षा

अन ना ही उपजा

का भूखा खाए


मांगता भीख

बिछौना पगड़ी का

विपदा हाय


दुख बहुत 

गरीब की विपदा

सुनता कौन


कर्म गठरी

हर रंग दिखावे

उसकी माया


चादर मैली

किसका फिर रोना

है फल योग


आस सहारे

भगवन तिहारे

रो रो पुकारे


का पछतावे

समय पाछे फिर

शोक मनावे


करना दया

काम बहुत आवे

पीर फकीर।


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