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Krati Bhatnagar

Drama

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Krati Bhatnagar

Drama

रिश्ते पिंजरे होते हैं।

रिश्ते पिंजरे होते हैं।

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रिश्ते पिंजरे होते हैं

जो दिल को अच्छे लगते हैं

अपनेपन का एहसास दिला

हमे खुद में कैद रखते हैं,

ये रिश्ते पिंजरे होते हैं।


कुछ बनते जन्म से,

कुछ बनते तकदीर से,

छप जाते हैं दिल में तस्वीर से

जीवन के अंत तक इनमें उलझे हम रहते हैं

लगते हैं प्यारे, मगर रिश्ते पिंजरे होते हैं।


कुछ में आज़ादी है मिलती, कुछ में है छिन जाती,

कभी पास वाले की कभी दूर की याद आती।

बैठे बिठाये दुनिया दिखा दे ऐसा हुनर रखते हैं,

कभी समझ में न आते ये रिश्ते पिंजरे होते हैं।


साथ रहते हर सुख दुःख में, कभी उन्हीं का कारण बनते,

कभी कृष्ण-किरदार निभाते, कभी मुनि नारद बनते

और कभी चक्रव्यूह से भी पेचीदे होते हैं,

कह लो कुछ भी इनके बिन सभी अधूरे होते हैं

हाँ, रिश्ते पिंजरे होते हैं।


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