रिमझिम बरसात
रिमझिम बरसात
दिल का दर्द आंखों से बरस रहा
सुकून की तलाश में मन तरस रहा
ये बादल तू क्यों नहीं बरस रहा
तू भी मेरे साथ रिमझिम बरस
अपनी रिमझिम बरसात में
मेरी आंसुओं को दे तू बहा
भूल सारे गम तेरी फुहार में लूं मैं नहा।।
