रफ़्तार
रफ़्तार
ए जिंदगी रफ्तार तू अपनी धीमी कर ले
कुछ अपने रूठे हैं अभी मनाना है उन्हें बाकी ....
कुछ अपने बनते बनते रह गए राह में
उनसे मिलना है बाकी .....
कई रोते को हंसाना है बाकी
कई दर्द मिटाना है बाकी ....
कई हसरतें अधूरी कुछ ख्वाहिशें हैं बाकी ....
कई कर्ज उतारने हैं बाकी
रफ्तार तू अपनी धीमी कर ले
कई काम जरूरी है बाकी.....
