रेखायें क्या कहती हैं
रेखायें क्या कहती हैं
रेखायें देखो क्या कहती हैं,
बिना बोले सब ये कहती हैं,
भाग्य हमारा तुम्हारा सब जाने,
फिर भी ये बदलती रहती हैं।
जन्म से मृत्यु तक सारा वर्णन इनके पास,
कौन किस घर में रहता ये बताती हैं।
हमारी रेखायें हमारे हमसफ़र से जुड़ कर,
ख़ुशियाँ दोहरी कर जाती हैं।
रेखायें देखो क्या कहती हैं,
बिना बोले सब ये कहती हैं,
