तुम क्या जानो
तुम क्या जानो
तुम क्या जानो कि दर्द क्या होता हैं,
इसके कई चेहरे कई लोगों में होता हैं,
इश्क़ में दर्द किसी को इश्क़ से दर्द,
ख़ुशी क्या उस इश्क़ करने वाले
से पूछों जो दर्द में होता हैं।
संतान से दर्द किसी को संतान का दर्द,
हमको तुमसे दर्द तुमको हमसे दर्द,
दर्द कैसा भी हो अकेले ही सहना हैं, पर
सबका सहारा सिर्फ़ वो ईश्वर होता हैं।
जगत विज्ञान को निचोड़ कर देख लिया,
हमने अपनो का रस भी पीकर देख लिया,
गुरुत्वाकर्षण का रसायन छोड़ भी दे अब,
अपना वही जो गणित के शून्य में होता हैं।
न आप अपने, न वो अपना और न ये अपना,
भ्रम में क्यों जीते हो ये सारा ज़गत है सपना,
दौलत, शोहरत, इज्ज़त मत पड़ इनके पीछे,
भक्ति और विश्वास अपना तो सब अपना होता हैं।
तुम क्या जानो कि दर्द क्या होता है,
इसके कई चेहरे कई लोगों में होता है।