रचें समय का गीत
रचें समय का गीत
रचें समय का गीत,
गाओ,
रचें समय का गीत।
जो बीत गया सो बीत गया
ना फिर वापस आ पाएगा,
पाना हो यदि लक्ष्य जिसे,
बस वो ही बढ़ता जाएगा
समय से कर लो प्रीत।
जो भी काम अधूरे हैं
वो तब पूरे हो पाएंगे
चिड़िया की जो देखे आँख
वही सफलता पाएंगे
यही विकास की रीत।
सफल नहीं बन पाते वो,
जो करते नहीं प्रयत्न कभी
काम आज का टालें कल पर,
ना होते वो सफल कभी
चले प्रयास की रीत
आओ, रचें समय का गीत।
समय बड़ा बलवान इसी का,
मूल्य हमें समझाना है
नए वर्ष की नई सुबह पर,
कसम यही बस खाना है
घड़ी न जाए बीत।
मंजिल पाने की खातिर हम,
कंटक पथ पर बढ़ जाएंगे।
जीवन के इस सफर में,
ठोकर खा के भी उठ जाएंगे
मिल जाएगी जीत
गाओ, रचें समय का गीत।
