रानी लक्ष्मी बाई
रानी लक्ष्मी बाई
पीठ पर पुत्र था जिसके
दोनों हाथों कटारे थी
दुश्मनों से लड़ रही थी
हौसले उसके भारी थे
जीते जी छू नपाए दुश्मन
मरी सौ मारकर दुश्मन
विश्व में नाम अमर उनका
रानी झांसी लक्ष्मी बाई।
कभी बनके वह फूलों की,
तुम सुगंध बनके उभरती है,
कभी बनती है जो माता,
गगन बाहों में भरती है ,
कोई बन जाए गर दुश्मन,
वतन की राह में कांटा ,
तो बनके लक्ष्मी बाई वो,
दलन दुश्मन का करती है।