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V. Aaradhyaa

Inspirational

4.5  

V. Aaradhyaa

Inspirational

राम विराज़े हैं

राम विराज़े हैं

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अवध में बज रहे हैं बाजे ,ढोल , नगाड़े हैं।

संत समागम हो रहा राम लला बिराजे हैं।।


राम भक्तों से भरी अयोध्या लगती न्यारी है।

दुल्हन सी सजी नगरी बड़ी लगती प्यारी है।।


सरयू जी के घाट पर यज्ञ हवन होने लगे हैं।

शिव अभिषेक करते नर नारी सजने लगे हैं।।


जय श्रीराम के नारों से गूंजी अवधपुरी सारी।

रामलला के  मंदिर के दर्शन की आई बारी।।


हनुमागढी की शोभा शब्दों में कह नहीं पाते।

लाखों की संख्या में जहाँ भक्त उमड़ कर आते।।


अवधपुरी की रज कण को माथे पर जो लगाते।

भगवान श्रीराम कृपा से बिगड़े काज बन जाते।।


आज गीता के कर्म पथ पर चलने की बात हो रही।

अयोध्या में यथार्थ गीता निशुल्क वितरित हो रही।।


मर्यादा का पाठ पढ़ाकर श्रीराम ने सबको तारा था।

शबरी व केवट, मल्लाह के जीवन को खूब सँवारा था।।



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