Become a PUBLISHED AUTHOR at just 1999/- INR!! Limited Period Offer
Become a PUBLISHED AUTHOR at just 1999/- INR!! Limited Period Offer

रिपुदमन झा "पिनाकी"

Inspirational

4  

रिपुदमन झा "पिनाकी"

Inspirational

राखी का पावन त्यौहार

राखी का पावन त्यौहार

1 min
323



राखी का पावन ये त्यौहार आया।

अनुपम ख़ुशी का है उपहार लाया।

कच्ची है डोरी अखंडित है बंधन-

पिरोकर अपार स्नेह भंडार लाया।

 

कुंकुम का माथे पे टीका लगाएं।

करें आरती गीत आशीष गाएं।

कलाई पे राखी का बांध धागा-

बहन भाई के ले रही हैं बलाएं।


वचन ले रही है, वचन दे रही है।

सजल नैन आशीष धन दे रही है।

जुग जुग जिये मेरा भैया सुखी हो-

दुलार और ममता बहन‌ दे रही है।


ओ भैया मेरे साथ हर पल निभाना।

अपनी बहन को कभी न भुलाना।

जीवन में सुख हो या दुःख कोई आए-

रहना सदा संग न करना बहाना।


जीवन में हरदम ही हंँसना हंँसाना।

सूरज औ चँंदा सा तुम झिलमिलाना।

चमकती रहे तेरी तारों सी दुनिया-

दीये की तरह तुम सदा जगमगाना।



Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Inspirational