पुरानी यादें
पुरानी यादें
बाबुल मोरे
इतनी सी अरज मोरी सुन ले
तेरी लड़की मैं
रहूंगी तेरी लाडली मैं
कितनी भी दूर तोसे मैं चाहे रहूँ
जरा आंच भी जो
कभी मुझ पे की आती थी मोहे
भर जाती थी अंखियां तेरी जाने है तू
फिर ऐसा भी क्या तेरा मुझसे बैर..
ऐसा भी क्या तेरा मुझसे बैर
कर पराई वो है मुँह लिया क्यों फेर
पास ही अपनी रख ले कुछ देर
उड़ जाएगा पाखी होते ही सेवर।