राह बेज़ार
राह बेज़ार


किसी दिन बेवजह
दिल में सनसनी सी हुई,
टटोल कर देखा
तो यह तेरा ही अक्स था।
लबों पर मुस्कान
लिए आखों में नमी,
समेट लीं मैंने
बिछड़ी पुरानी यादें सभी।
आंख मिचोली खेल चला
राह बेज़ार सी,
फिर वही कांटों का सफ़र
फिर वही फूलों की गली।