STORYMIRROR

Aakriti Jain

Inspirational

2  

Aakriti Jain

Inspirational

गैर भी जहां अपने हों

गैर भी जहां अपने हों

1 min
282


ज़िन्दगी छोटी सी

समय है कम,

गिले शिकवे रखना

ये तो गैरों का काम।


क्यो रखे हुए तू मन में बैर

नफ़रत कर के पाएगा ख़ाक,

मिट्टी में जन्मा है, हो जाना है एक दिन

मिट्टी में ही मिल के राख।


अरे! माफ़ कर, आगे बढ़

कारवां तू साथ लेकर चल।

रिश्ता वही बेहतरीन सबसे

हलकी सी मुस्कान से निकले जहां हल।


ना रख तू मन में कुछ भी

नाराज़गी ज़ाहिर हो अपनों के संग ही।

मिटा द्वंद्व, भुला ग़लतियाँ

फिर नई शुरुआत कर तू बंदेया।


सितारों सी जगमग बना ये हस्ती अपनी

बगिया में खिले हों जहां फूल ज़िन्दगी की।

जहां सच्चाई हो, हँसी हो, ठहाके हों

गैर भी जहां, कुछ कुछ अपने से ही हों।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Inspirational