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KP Singh

Romance

4  

KP Singh

Romance

प्यार

प्यार

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प्यार आस है ,एहसास प्यार है,

प्यार हँसी है,प्यार ख़ुशी है,

प्यार चमक ओर प्यार तेज़ है,

प्यार राम है, कृष्ण अपार है,

प्यार ही राधा,प्यार ही मीरा,

प्यार अमर है,प्यार अटल है,

प्यार ना समझो तो चुभन है,

समझ भी जाओ तो अगन है,

प्यार ना तेरा ओर ना मेरा,

प्यार हरी का एक भजन है,

प्यार ना हो तो एक कसक है,

हो भी जाए तो तड़प है,

प्यार उफनती एक है धारा,

प्यार जोश का एक नारा है,

प्यार में पास ना कोई दूरी,

प्यार है मीरा,ना कोई मजबूरी,

भांग-धतूरा हो या अमल(अफ़ीम),

सबसे बड़ा तो प्यार नशा है,

प्यार है पावन ओर पवित्र है,

ना शपथ ओर ना ही प्रतिज्ञा,

प्यार में जीना ही एक मज़ा है,

प्यार ना हो सूखे की सजा है,

ना तो मिलन है,ना ही बिछड़न,

ना कोई पीड़ा,ना है रूँदन,

प्यार गुलाबों सी महक है,

प्यार गुलाबी एक ठंडक है,

प्यार ज़िंदगी,बस प्यार है दुनिया,

प्यार में, पाना ओर ना कुछ खोना,

प्यार में जीना यही ज़िंदगी।।

प्यार में जीना यही ज़िंदगी।।


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