प्यार का हमशक्ल
प्यार का हमशक्ल
मेरी हर बात से अनजान है
हमें लगता सदियों से पहचान है
मैं उसे देखूं और वह देखती चारों ओर है
दिल को कैसे समझाऊं, तेरा प्यार नहीं कोई और है।
बातें भी करती है तुम्हारी तरह
कुछ पूछो तो पूछने लगती है वजह
तकलीफ हमें बहुत होती जब करती इग्नोर है
दिल को कैसे समझाऊं, तेरा प्यार नहीं कोई और है।
हां तेरी हुबहू हमशक्ल है
तेरी जैसी भोली भाली अक्ल है
गले लगाना चाहा देख कर उसके आंखों में लोर है
दिल को कैसे समझाऊं, तेरा प्यार नहीं कोई और है।
तेरी यादें में मायूस हो जाता हूं
तेरे बदले तेरी हमशक्ल को ही देख लेता हूं
पल भर की खुशी फिर हो जाति हलचल बहुत जोर है
दिल को कैसे समझाऊं , तेरा प्यार नहीं कोई और है।।