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Maichel Joshi

Tragedy

3.6  

Maichel Joshi

Tragedy

प्यार का हमशक्ल

प्यार का हमशक्ल

1 min
260


मेरी हर बात से अनजान है

हमें लगता सदियों से पहचान है 

मैं उसे देखूं और वह देखती चारों ओर है

दिल को कैसे समझाऊं, तेरा प्यार नहीं कोई और है।


बातें भी करती है तुम्हारी तरह

कुछ पूछो तो पूछने लगती है वजह

तकलीफ हमें बहुत होती जब करती इग्नोर है

दिल को कैसे समझाऊं, तेरा प्यार नहीं कोई और है।


हां तेरी हुबहू हमशक्ल है

तेरी जैसी भोली भाली अक्ल है

गले लगाना चाहा देख कर उसके आंखों में लोर है

दिल को कैसे समझाऊं, तेरा प्यार नहीं कोई और है।


तेरी यादें में मायूस हो जाता हूं

तेरे बदले तेरी हमशक्ल को ही देख लेता हूं

पल भर की खुशी फिर हो जाति हलचल बहुत जोर है

दिल को कैसे समझाऊं , तेरा प्यार नहीं कोई और है।।


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