प्यार का बंधन
प्यार का बंधन
इस जहान में प्यार के लिए
कोई परिभाषा नहीं
जो रिश्ते का मोहताज नहीं
हर रिश्ते में प्यार
माँ बाप भाई बहन
दादा दादी मामा मामी
पति पत्नी, प्रेमी प्रेमिका
क्या क्या रूप
हर रिश्ते का मिठास अलग
जो निभा जाए
धरती से स्वर्ग तक
अमर हो जाता
सबसे अलग जाति लहू छोड़
इन्सानियत का रिश्ता
जो लिंग धर्म जाति
ऊंच नीच को भुला
निभा जाए कोई
वो यहां के लिए
ईश्वर हो जाता
युगों युगों तक ।
