STORYMIRROR

Raja Sekhar CH V

Abstract

4  

Raja Sekhar CH V

Abstract

पूनम की प्रीति

पूनम की प्रीति

1 min
212

चाँदनी भरा यह पूनम की रात,

नींद बिना जो है मधु भरा रात,

प्रिया के विरह भरा चपल रात,

प्रणय गीत गाता रहूँ सारी रात।


मीठा डंक मारे यह पूर्णिमा रात,

नभ नक्षत्र देखकर बिताऊँ रात,

चन्द्रकान्ति ने किया अस्तव्यस्त,

अति सुखप्रद है प्रेयसी की प्रीत।


प्रेमिका की चिंता में बीतें दिन-रात,

अँधेरे में बाती सा है जिसकी चाहत,

चारु चंद्रावती मुझे दे सके है राहत,

ललित लावण्यवती का हूँ मैं मनमीत।


शीतल बेला हृदय में लाए उत्पात,

हृत्स्पंदन ने दिया प्रेम का आघात,

प्रवाह करे प्रिया हेतु प्रतीक्षा-प्रपात,

प्रीति भूलने नहीं देती पूर्णमासी रात।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Abstract